2016-12-19 02:28:03
एक कमरे मे अँधेरा होता है,,
तो ना चाहते हुए भी इंसान डरता है,,
लेकिन जैसे ही एक दीपक जलाते है तो रौशनी होती है,,
हमारा डर दूर हो जाता है,,
अब वास्तव मे डर को दूर किया रौशनी के अस्तित्व ने,,
जबकि बदला तो कुछ भी नही,,
ठीक इसी तरह अज्ञान रूपी अँधेरे का भय ज्ञान रूपी रौशनी के तेज से त्वरित खत्म हो जाता है,,
शरीर कर के कुछ नही बदलता,,
लेकिन मन कर के परिवर्तन हमारे माहोल को ही परिवर्तित कर देता है,,
🇮🇳 JAI HIND 🇮🇳