2016-10-09 04:47:48
*✍जिन्दगी में “परिशानियां” चाहे जितनी हो…*
*”फ़िक्र” करने से और ज्यादा होती है।*
*”खामोश” होने से बिलकुल “कम”।*
*”सब्र” करने से “खत्म” हो जाती है।*
*ओर अल्लाह का “शुक्र” अदा करने से,*
*”खुशियो” मे बदल जाती है।. ……………..*