2016-06-28 15:35:44
”ज़िन्दगी” तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाए !!!!
शौक “जीने” का है मगर इतना भी नहीं की मर मर के जिया जाए !!!!
जब जलेबी की तरह उलझ ही रही है तू ऐ “जिंदगी” ,
तो फिर क्यों न तुझे चाशनी मे डुबाकर मजा ले ही लिया जाए!!!!
🌿सुप्रभात🌿