2018-03-01 20:30:17
*”जरूर कोई तो लिखता होगा…*
*कागज और पत्थर का भी नसीब…*
*वरना ये मुमकिन नहीं की…*
*कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाये…*
*और…*
*कोई कागज रद्दी और कोई कागज गीता बन जाये”…!*
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