Categories
More
FunnyTube. All rights reserved.
2017-08-17 15:28:15
गीले काग़ज़ की तरह है ज़िंदगी मेरी कोई जलता भी नही और कोई बहता भी नही ऐसे अकेले हो गये है हम आज-कल कोई सताता भी नही,और कोई मानता भी नही