2018-03-10 13:50:14
🌹 *ऐसे ही गुज़ार ली ज़िन्दगी फ़क़ीर ने*
🌹 *कभी खुदा कि रज़ा समझ कर.. कभी अपने गुनाहों कि सज़ा समझ कर*
🌹 *निगाहें नाज करती है ..*
*फलक के आशियाने से.. !*
🌹 *”खुदा भी रूठ जाता है “*
*किसी का दिल दुखाने से …।✍🏻*
*💐🌹शुभ प्रभात🌹💐*