✍ काश ऐसा भूकंप आये



काश ऐसा भूकंप आये जिसमें
*अहम* टूट जाए
*मतभेद* के किले ढह जाएं
*घमंड* चूर चूर हो जाए
*गुस्से* के पहाड़ पिघल जाए
*नफरत* हमेशा के लिए दफ़न हो जाये
और हम सब
*”मैं”* से *”हम”* हो जाएं …
🌹🌹🌹🌹सुप्रभात🌹🌹🌹


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