*कभी कभी*.., *”मजबूत हाथों” से


*कभी कभी*..,
*”मजबूत हाथों” से पकड़ी हुई,*
*”उँगलियाँ” भी छूट जाती हैं…;*
*क्योकि*
*”रिश्ते” ताकत से नही*
*दिल से*
*निभाये जाते हैं…!*
🌹🌹🌹. GOOD MORNING🌹🌹🌹


Tags :