इज्जाजत दे तो मैं
इज्जाजत दे तो मैं तेरा हाथ थाम लूँ,
बातो ही बातो में रोज बस तेरा नाम लूँ,
सिर्फ इतनी सी ख्वाहिश है दिल की मेरे,
अब होंठो पे होंठो रख तुझे थाम लूँ ….
मुमकिन नहीं शायद किसी को समझ पाना,
समझे बिना किसी से क्या दिल लगाना,
आसान है किसी को अपनी पसंद बनाना,
पर बहुत मुश्किल है किसी की पसंद बन पाना…