इस नाचीज दिल की


इस नाचीज दिल की गुस्ताखी तो देखो,
चला है चाँद से इश्क को इज़हार करने,
जिसकी रोशनी से रोश्न है पूरी दुनियाँ,
इसी को चला है प्यार की रोशनी देने..


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