एक ही तमना रही


एक ही तमना रही एक ज़माने से,
बने हमारे भी अपने बनाने से,
दुनियाँ की नज़र और हमारी नज़र में इतना अंतर क्युँ रहा,
कोई हमें समझा ही नहीं..
….. हमारे सच्चे देस्ताने से…


Tags : love