किस्मत पर ऐतबार किसको
किस्मत पर ऐतबार किसको है,
मिल जाये ख़ुशी इंकार किसको है,
कुछ मजबूरियां है मेरी जान,
वरना जुदाई से प्यार किसको है…
वक़्त कहता है फिर न आऊंगा,
आप की आँखों को न अब रुलाऊँगा,
जीना है तो इस पल को जी लो!
शायद मैं कल तक न रुक पाउँगा…
न जाने कौन सी बात आखरी होगी
न जाने कौन सी रात आखरी होगी
करनी है तो करले जी भर के बातैं
न जाने हमारी कौन सी सांस आखरी होगी…
चाहत मेरी वो कभी जान न पाये,
पास रहकर भी कभी हमे पहचान न पाये,
उनसे शिकवा करे भी तो कैसे,
कसूर तो हमारा था की हम उन्हें भूल न पाए.
नहीं बदनाम होंगे आप ,अक्ल से काम लूँगी मैं
याद जब आएगी दिलबर ,कलेजा थाम लूंगी मैं …
न सत्ता साथ जाती है ,न सम्पति साथ जाती हैं
फ़क्त इंसानियत की सनम हरहाल में साथ जाती है …
गम क्या तुझको खुदा तेरे साथ है
मौत और जिंदगी उसी के हाथ है …
मिट जाये इश्क की दुनिया यह बात कोई आसान नहीं
अरमान भरा ये दिल मेरा नाज़ुक है ,नादान नहीं…….
यही डर लग रहा प्यार करके दिल न पछताये
मेरी नाज़ुक जवानी, दर्द की दुनिया न बन जाये ……
हमारे साये भी हमसे नज़र चुरा बैठे
वफ़ा के नाम पे बेकार दिल लगा बैठे ….