जब हाथो में तेरे


जब हाथो में तेरे मेहँदी मेरे नाम की होगी….
जब हस्ती तेरी ओ जान मेरे बिन बेनाम सी होगी….

वो दिन होगा जब सितारे भी ज़मी पे उतर आयेगे….
क्यूंकि सूरत मेरी जान की उस दिन चाँद सी होगी….

ऐसे सजी होगी बनके दुल्हन मेरी जान उस दिन यारो….
जैसे मोतियों से सजी पारी कोई परिष्टां की होगी….

उस दिन न खिले गुलाब तो यारो अफ़सोस न करना….
क्यूंकी कालिया भी गुलाब की उस दिन परेशान सी होगी….

लिख दिया जायेगा मुक़द्दर उसका उस दिन मेरे हाथ….
वो घड़िया मेरी जान के लिए सच में इन्तेक़ाम की होगी….

उस दिन गर कोई पूछे मुझसे बताओ जन्नत की हुर्र देखि है….
तो में कहूँगा हो न हो पर वो बिलकुल मेरी जान सी होगी……


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