झुका लेता हुं अपना


झुका लेता हुं अपना सर दूसरे_धर्मस्थलों के सामने
भी,
क्योंकि मुझे मेरा धर्म किसी धर्म का अपमान करने की
इजाजत नहीं देता..

मज़हब तो ये दो 👋हथेलियाँ ही बताती हैं,

जुड़ें तो 🙏’;पूजा’;
खुलें तो ‘;दुआ’; 👐कहलाती हे।


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