नदी में पानी मीठा
नदी में पानी मीठा रहता है…क्योंकि वो देती रहती है…
सागर का पानी खारा रहता है…क्योंकि वो लेता रहता है…
नाले का पानी दुर्गन्ध पैदा करता है…क्योंकि वो रुका रहता है..!
अपना जीवन भी वैसा ही है….
देते रहेंगे तो मीठे लगेंगे…
लेते रहेंगे तो खारे लगेंगे….
रुके रहेंगे तो बेचारे लगेंगे..!
“हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का..
न खुद रहो उदास…न दूसरों को रहने दो..👍