ना जाने क्युँ मैं ना जाने क्युँ मैं तुझसे … कुछ ज्यादा रूठा करती हुँ, तेरी दूरी सह जाऐ इसके लिए… दिल को अपने मनाया करती हुँ, कभी तो तुझे जैसे बहुत ही बुरा कह लेती हुँ.. पर दोस्त जब तेरी दोस्ती की मिसालें याद आती है… तो तुझे दुआऐं दिया करती हुँ Shayari FunnyTube 6 years ago Tags : love