न सोचा न समझा
न सोचा न समझा न सीखा न जाना,
मुझे आ गया ख़ुदबख़ुद दिल लगाना..!!
ज़रा देख कर अपना जल्वा दिखाना,
सिमट कर यहीं आ न जाये ज़माना..!!
ज़ुबाँ पर लगी हैं वफ़ाओं कि मुहरें,
ख़मोशी मेरी कह रही है फ़साना..!!
गुलों तक लगायी तो आसाँ है लेकिन,
है दुशवार काँटों से दामन बचाना..!! …