पठानकोट विशेष: जब वो युद्ध


पठानकोट विशेष:

जब वो युद्ध में घायल हो जाता है तो अपने साथी से बोलता है :

“साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरी माता पूछे तो, जलता दीप बुझा देना!
इतने पर भी न समझे तो, दो आंसू तुम छलका देना!!”

“साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरी बहना पूछे तो, सूनी कलाई दिखला देना!
इतने पर भी न समझे तो, राखी तोड़ देखा देना !!”

“साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरी पत्नी पूछे तो, मस्तक तुम झुका लेना!
इतने पर भी न समझे तो, मांग का सिन्दूर मिटा देना!!”

“साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरे पापा पूछे तो, हाथो को सहला देना!
इतने पर भी न समझे तो, लाठी तोड़ दिखा देना!!”

“साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरा बेटा पूछे तो, सर उसका तुम सहला देना!
इतने पर भी ना समझे तो, सीने से उसको लगा लेना!!”

“साथी घर जाकर मत कहना, संकेतो में बतला देना;
यदि हाल मेरा भाई पूछे तो, खाली राह दिखा देना!
इतने पर भी ना समझे तो, सैनिक धर्म बता देना!!”

Dedicated to all soldiers….

BECAUSE OF THESE GUARDIANS OF INDIA I FEEL PROUD TO BE AN #INDIAN …… 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 . If U all R #INDIANSS THEN PLSS SHARE IT TO YOUR ALL CONTACTS


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