पत्थर में एक ही


पत्थर में एक ही *कमी* है,
कुछ भी करों, वह *पिघलता*
नहीं…

लेकिन उसकी एक ही *खूबी* है
वह कभी *बदलता* भी
नहीं…🌹


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