पत्नी-सुनो जी मुझे पाँच
पत्नी-सुनो जी मुझे पाँच हज़ार रुपये दे दो।
पति-नहीं है ।
पत्नी-तो चार दे दो ।
पति-नही हैं ।
पत्नी-अच्छा ,आज के बाद मुझे छूना भी मत, बात भी न करना । मेरी तरफ़ देखना भी मत ।
पति-नहीं देखूँगा ।
पाँच हज़ार रुपये राधे अम्माँ के यहाँ चढ़ाऊँगा,
वो नाच के भी दिखाएगी,
जप्फी वप्फी भी डालेगी,
हो सकता है गोद में भी बिठाए।
पत्नी ये सुनकर बाहर को जाने लगती है।
पति-अब बिन पैसे के कहाँ चली ?
पत्नी-आसाराम बापू के आश्रम जा रही हूँ,
सुना है बापू की गैरहाजरी में भी बापू के शिष्य सारी “धार्मिक गतिविधियाँ ”
उसी तरह से चला रहे हैं । दो-चार दिन वहीं रहूंगी ।
पति-अरे पगली ! बस तू भी ना !
ये ले पाँच हज़ार…
😜😜😜😜😜