बहुत खुबसूरत है आँखें


बहुत खुबसूरत है आँखें तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चहिये ज़माने की खुशियाँ
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी.

इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए

आँखों में तेरी डूब जाने को दिल चाहता है,
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है,
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम,
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है

“कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है,
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है.
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है.”


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