मेरे दिल की हर


मेरे दिल की हर बात तुम ही हो…..
खुशियों की सौगात तुम ही हो…..

मैं तो बस एक पल की तरह हूँ….
मेरा हर दिन,हर रात तुम ही हो……

एक बंज़र ज़मीन की तरह हूँ मैं….
इस ज़मीन पर जो आये बरसात वह तुम ही हो…..

मेरी ज़िन्दगी एक वीरान सफर है….
इस सफर में जो महकता है, वह गुल्ले-गुलज़ार तुम ही हो….

हर इंसान यहाँ जीता है सिर्फ अपनी साँसों की बौदलात….
पर मेरी सांसें भी हो जिसके लिए बेक़रार वह तुम ही हो….

मैं जो कुछ भी हो, वह तेरे ही सदके….
मेरे रग-रग में हैं जो शुमार वह तुम ही हो….

तेरी एक मुस्कान से कांटे भी फूल बन जाए…..
चाँद-सितारे भी है जिस पर निसार वह तुम ही हो….

कहते है मौत के बाद ही फ़रिश्ते नज़र आते है….
जीते जी मेरे नसीब में..
जिस फ़रिश्ते के मुझे हुए है दीदार वह तुम ही हो….

यह बात आँखों में अश्कों के मोती भर कर कहता हूँ…..
हमें है जिस पर खुद से ज़्यादा ऐतबार वह तुम ही हो…….


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