सारा जहाँ उसी का


सारा जहाँ उसी का है जो मुस्कुराना जानता है;
रौशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है;
हर जगह मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे हैं लेकिन;
ईश्वर तो उसी का है जो सर झुकाना जानता है।
सुप्रभात!


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