सोचता हूँ सागर की सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर, क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं, करते हैं ये सागर से बेवफाई, या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं | Shayari FunnyTube 6 years ago Tags : love