हर किसी कै किसमत


हर किसी कै किसमत मै ऐसा लिखा नही हौता ..
हर मंजिल मै तैरै जैसा दौस्त का पाता नही मिलता..
मैरी तकादीर हौगी कुछ खास..
वरना तैरै जैसा यार मुझै कहा मिलता.


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