*चौराहे पर चाय वाले
*चौराहे पर चाय वाले ने हाथ में गिलास थमाते हुए पूछा……*
*”चाय के साथ क्या लोगे साहब”?*
*ज़ुबाँ पे लब्ज आते आते रह गए*
*”पुराने यार मिलेंगे क्या”???*
*जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं अपना शहर छोड़ने को,*
*वरना कौन अपनी गली मे जीना नहीं चाहता…..*
*हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे,*
*पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता ….।✍*