​*जवानी से अच्छा कहीं


​*जवानी से अच्छा कहीं एक बचपन हुआ करता था गालिब*..

*जिसमें दुश्मनी की जगह सिर्फ एक कट्टी हुआ करती थी* ।।
*कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन*…

*के सिर्फ दो उंगलिया जुडने से दोस्ती फिरशुरू हो जाती थी*.

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