​”जब चारों और अँधेरा


​”जब चारों और अँधेरा हो,.

” श्याम ” का दीप जला लेना! ”

जब गमों ने तुमको घेरा हो

तुम हाल ” श्याम ” को सुना देना!

“जब दुनिया तुमसे मुँह मोड़े,

तुम अपने ” श्याम ” को मना लेना!

“जब अपने तुमको ठुकरा दें

” श्याम ” दर को तुम अपना लेना!

“जब कोई तुमको रुलाये तो

तुम ” श्याम ” के गीत गुनगुना लेना! ” श्याम करुणा के सागर है

तुम उसमें डुबकी लगा लेना..

🌹जय श्री राम 🌹


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