“दिखावा”और “झूठ”बोलकर दोस्त बनाने से


“दिखावा”और “झूठ”बोलकर
दोस्त बनाने से अच्छा है,
“सच”बोलकर “दुश्मन”बनालो।
तुम्हारे साथ कभी “विश्वाशघात”नही होगा



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