‪*अकेले हम बूँद हैं,* *मिल


‪*अकेले हम बूँद हैं,*
*मिल जाएं तो सागर हैं।*
*अकेले हम धागा हैं,*
*मिल जाएं तो चादर हैं।*
*अकेले हम कागज हैं,*
*मिल जाए तो किताब हैं।*
*अकेले हम अलफ़ाज़ हैं,*
*मिल जाए तो जवाब हैं।*
*अकेले हम पत्थर हैं,*
*मिल जाएं तो इमारत हैं।*
*अकेले हम दुआ हैं,*
*मिल जाएं तो इबादत हैं।*
🍯☄🍯☄🍯☄🍯☄
✍संस्कारों से बड़ी कोई
वसीयत नहीं….
और
ईमानदारी से बड़ी कोई
विरासत नहीं…!!!
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