‪*👌कमाल है ना*!…👌 *किस्मत सखी


‪*👌कमाल है ना*!…👌

*किस्मत सखी नहीं, फिर भी, रुठ जाती है!*
*बुद्वि लोहा नही, फिर भी, जंग लग जाती है!*
*आत्मसम्मान शरीर नहीं, फिर भी, घायल हो जाता है! और..,*
*इन्सान मौसम नही, फिर भी, बदल जाता है!….*
? 🍫 *$weet प्रभात* 🍫


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