*🏃”ठोकरें खाता हूँ पर*, *शान”
*🏃”ठोकरें खाता हूँ पर*,
*शान” से चलता हूँ”*।
*”मैं खुले आसमान के नीचे*,
*सीना तान के चलता हूँ”🏃*
*🏃”मुश्किलें तो सच है जिंदगी का*,
*आने दो- आने दो*”।
*”उठूंगा, गिरूंगा फिर उठूंगा और*,
*आखिर में “जीतूंगा मैं” यह ठान के चलता हूँ”🏃*
🍁🍁🍁Good morning 🍁🍁🍁