‪*”पाप हमारी सोच से


‪*”पाप हमारी सोच से होता हैं,*
*शरीर से नही*
*और*
*तीर्थों का जल,*
*हमारे शरीर को साफ करता हैं,*
*हमारी सोच को नही।”*

*ग़लती नीम की नहीं*
*कि वो कड़वा है‼*

*ख़ुदगर्ज़ी जीभ की है*
*जिसे मीठा पसंद है‼*

🌹🌹🌹राधे राधे 🌹🌹🌹
🙏🏻😊🙏🏻


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