‪*”प्रेम” या “सम्मान” का


‪*”प्रेम” या “सम्मान” का भाव सिर्फ उन्हीं के प्रति रखिएगा।*
*”जो आपके “मन” की भावनाओं को समझते हैं।*
*”कहते है कि*—-
*जलो वहाँ , जहाँ जरूरत हो।*
*”उजालों” में “चिरागों” के मायने नहीं होते।*
🌻🌞।। *सुप्रभात* ।। 🌞🌻


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