”इतना आसान नही *जीवन* का
”इतना आसान नही *जीवन*
का *किरदार निभा पाना* ।
*इंसान को बिखरना* पड़ता है ,
*रिश्तो को समेटने* के लिए ।
ऐसा नहीं है कि *दुःख* बढ़ गए है
बल्कि *”सच्चाई”* यह है कि
*”सहनशीलता”* कम हो गयी है
जिसको *”सहना”* आ गया
उसको *”रहना”* आ गया |
*”स्वयंम् विचार कीजिए”*
🙏🏻🌹नमस्कार 🌹🙏🏻