Raj *”गिरना भी अच्छा है,* *औकात


Raj
*”गिरना भी अच्छा है,*
*औकात का पता चलता है,*
*बढ़ते है जब हाथ उठाने को,*
*अपनों का पता चलता है”।*

*”जिन्हे गुस्सा आता है,*
*वो लोग सच्चे होते है,*
*मैने अक्सर झूठो को,*
*मुस्कुराते हुए देखा है”॥*

*”सीख रहा हूँ मै भी,*
*इंसानो को पढ़ने का हुनर,*
*…सुना है चहेरे पे…*

*किताबो से ज्यादा लिखा होता है”॥*
🌌Good night🌌


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