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शबनमी लबो की तेरे,एक


शबनमी लबो की तेरे,एक दिन चुराऊँगा मैं…
ज़ुल्फ़ों को तेरी साया,एक दिन बनाऊंगा मैं…

हिफाज़त करूँगा तेरी,जब तक है सांसे बाकि…
तुझे चाहता हूँ कितना,एक दिन बताऊंगा मैं…
जागते हैं जैसे,रात रात भर हम…
नींदे तेरी आँखों से भी एक दिन उड़ाऊंगा मैं…
छुपा ले कितना भी,अंचल में तू चेहरे को…
घूँघट यह तेरा,एक दिन उठाऊंगा मैं…

रहूँगा साथ तेरे,दुनिया हो चाहे दुश्मन…
दीवानगी है कितनी,एक दिन दिखाऊंगा मैं….

चाँदनी रातों में कुछ


चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह,
मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह,
गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ,
मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह

किस से सीखू मैं


किस से सीखू मैं खुदा की बंदगी,
सब लोग खुदा के बँटवारे किए बैठे है,
जो लोग कहते है खुदा कण कण में है,
वही मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे लिए बैठे हैं !

ऐ दोस्त तेरी दोस्ती


ऐ दोस्त तेरी दोस्ती पर नाज़ हैं,
हर वक्त मिलने की फरीयाद करते हैं,
हमें नहीं पता घर वाले बताते हैं,
हम निंद में भी आपसे बात करते हैं

मुझसे पूछा किसी ने


मुझसे पूछा किसी ने दिल का मतलब
मैने हँस कह दिया ठिकाना तेरा.
जब पूछा सुहानी शाम किसे कहते हैं,
मैने इतरा के कह दिया चाहना तेरा.
उसने पूछा के बताओ ये क़यमत क्या है,
मैने घबरा क कह दिया रूठ जाना तेरा.
मौत कहते हैं किसे जब मुझसे पूछा,
मैं आँखें झुका कर कहा छोड़ जाना तेरा. …

Kabhi koi khud ko


Kabhi koi khud ko fana nahi karta,
Zindagi apni khud tabaah nai karta,
Majburiya hi mujrim bana deti hai,
Kyuki koi shok se gunah nahi karta………….