कोई खुशियों की चाह में रोया
कोई दुखों की पनाह में रोया..
अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का..
कोई भरोसे के लिए रोया..
कोई भरोसा कर के रोया..
Jidhar dekhta hoon udhar tu hi tu hai,
Tera hi nazaara ab toh har su hai,
Aur kuch nazar ab mujh ko aata nahin,
Meri jaan, mera khuda bas tu hi tu hai.
अपनी कमजोरियां उन्ही लोगों को बताइये,
जो हर हाल में आपके साथ मजबूती से खड़े होना जानते है”
” क्यूँकि रिश्तों में विश्वास,
और मोबाईल में नेटवर्क ना हो,
तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं !!
कभी ना कहो कि
दिन अपने खराब है ….
समझ लो कि हम
कांटो से से घिर गए गुलाब है ….!
वो बन के खुश्बू बसता है मेरी साँसों में,
वो बन के हर्फ रहता है मेरे अलफाज़ो में,
कैसे कह दूँ तनहाँ बसर होती है मेरी जिन्दगी,
वो बन के साया चलता है मेरी राहों में,
थक कर जब भी बंद हो जाती है आँखे मेरी,
वो बन के राहत आता है मेरे ख्वाबो में,
इम्तिहान दर इम्दिहान लेता है मेरा, ये जमाना,
वो बन के हिम्मत आ जाता है मेरे इरादों में,
उसकी चाहत सितारे सजाती है आसमान में मेरे,
वो बन के चाँद चमकता है मेरी रातों में …
Ab na bato ki jarurat hai, nigaho se ab sari baat kijiye
Bada ujala hai aapke noor se, julfe khol k ab raat kijiye
Badi muddat se intjar me hu, aapke sirhane nind ke liye
Apni baho ka sahara deke mjhe ye haseen khawab dijiye